क्रियाशील तत्व:
नत्रजन 12%, फास्फोरस 61%
उपयोग विधि -
पर्णीय छिड़काव: 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में।
फसल 20 दिन होने के बाद आवश्यकतानुसार छिड़काव की पुनरावृत्ति करें।
फर्टगेशन:
प्रत्यारोपण के 6-8 दिन बाद 2 किलो प्रति एकड़
विशेषताएं:
अन्य खादों की तुलना में
1. आरम्भिक अवस्था में नत्रजन, स्फुर पोषणों की सुगम उपलब्धता।
2. क्रांतिक अवस्था में भी अतिरिक्त पोषणों की त्वरित उपलब्धता।
3. कम नमी में भी पोषणों की सुचारु पूर्ति।
4. अधिक पी.एच. मान की मृदा के लिए सर्वोत्तम।
क्रियाशील तत्व:
नत्रजन 19%, फॉस्फोरस 19%, पोटॉश 19%
उपयोग विधि -
पर्णीय छिड़काव: 5 ग्राम प्रति लीटर पानी में।
फसल 20 दिन होने के बाद ।आवश्यकतानुसार छिड़काव की पुनरावृत्ति करें।
फर्टीगेशन:
प्रत्यारोपण के 30 दिन बाद 2 किलो प्रति एकड़
विशेषताएं:
अन्य खादों की तुलना में
1. आरम्भिक अवस्था में नत्रजन, फॉस्फोरस, पोटॉश पोषणों की सुगम उपलब्धता।
2. क्रांतिक अवस्था में भी अतिरिक्त पोषणों की त्वरित उपलब्धता।
3. कम नमी में भी पोषणों की सुचारु पूर्ति।
4. अधिक पी.एच. मान की मृदा के लिए सर्वोत्तम।
क्रियाशील तत्व:
पोटॉश 50%, सल्फर 17.5%
उपयोग विधि -
पर्णीय छिड़काव: 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में।
फसल 20 दिन होने के बाद। आवश्यकतानुसार छिड़काव की पुनरावृत्ति करें।
फर्टीगेशन:
प्रत्यारोपण के 6-8 दिन बाद 2 किलो प्रति एकड़।
विशेषताएं:
अन्य खादों की तुलना में
1. आरम्भिक अवस्था में पोटॉश, सल्फर पोषणों की सुगम उपलब्धता।
2. क्रांतिक अवस्था में भी अतिरिक्त पोषणों की त्वरित उपलब्धता।
3. कम नमी में भी पोषणों की सुचारु पूर्ति।
4. अधिक पी.एच. मान की मृदा के लिए सर्वोत्तम।
क्रियाशील तत्व:
कैल्शियम 18.5% , नत्रजन 15.5%
उपयोग विधि -
5 ग्राम प्रति लीटर पानी में पर्णय छिड़काव के रुप में उपयोग करें।
खेत फसल में : फसल 30-35 दिन होने के बाद।
उद्यानिकी फसल में: फल निर्माण अवस्था से पक्वता तक 5-6 बार 12-15 दिन के अंतराल में।
बेल वाली फसलें: उगने के 20दिन बाद से 2-3 बार 10 दिन के अंतराल में।
फलदार फसल: फल निर्माण अवस्था से पक्वता तक 10-12 दिन के अंतराल मे 3-4 बार।
फायदा:
1. उपज का समान प्राकृतिक आकार, वजनदार, चमकदार फल।
2. परिवहन, भण्डारण में अधिक टिकाऊपन।
3. उन्नत गुणवत्तायुक्त अधिक पैदावार।
क्रियाशील तत्व:
स्फूर 52% , पोटॉश 34%
उपयोग विधि -
पर्णीय छिड़काव: 5 ग्राम प्रति लीटर पानी में।
फसल 25-30 दिन होने के बाद। आवश्यकतानुसार छिड़काव की पुनरावृत्ति करें।
फर्टीगेशन:
2-3 किलो प्रति एकड़ खेत फसल के लिए एवं 5-6 किलो प्रति एकड़ उद्यानिकी फसल के लिए प्रत्यारोपण के 6-8 दिन बाद।
विशेषताएं:
अन्य खादों की तुलना में
1. आरम्भिक अवस्था में स्फूर एवं पोटॉश पोषणों की सुगम उपलब्धता।
2. क्रांतिक अवस्था में भी अतिरिक्त पोषणों की त्वरित उपलब्धता।
3. कम नमी में भी पोषणों की सुचारु पूर्ति।
4. अधिक पी.एच. मान की मृदा के लिए सर्वोत्तम।
क्रियाशील तत्व:
नत्रजन 13%, पोटॉश 45%
उपयोग विधि -
पर्णीय छिड़काव: 3-4 ग्राम प्रति लीटर पानी में।
फसल 25-30 दिन होने के बाद। आवश्यकतानुसार छिड़काव की पुनरावृत्ति करें।
फर्टीगेशन:
4-5 किलो प्रति एकड़ प्रत्यारोपण के 6-8 दिन बाद।
विशेषताएं:
1. आरम्भिक अवस्था में नत्रजन, पोटॉश पोषणों की सुगम उपलब्धता।
2. क्रांतिक अवस्था में भी अतिरिक्त पोषणों की त्वरित उपलब्धता।
3. कम नमी में भी पोषणों की सुचारु पूर्ति।
4. अधिक पी.एच. मान की मृदा के लिए सर्वोत्तम।