उपयोग विधि: आधार खाद के साथ या नत्रजन धारी खाद के साथ टॉप ड्ेसिंग के रुप में।
खेत फसल में : 5 किलो प्रति एकड़।
उद्यानिकी फसल में: 10 किलो प्रति एकड़।
फलदार फसल में : 20 किलो प्रति एकड़।
खासियत:
1. नमी रहित अवस्था में जिंक अत्यधिक प्रतिशत में उपलब्ध 33%
2. अधिक प्रतिशत सल्फर-15% (सल्फेट के रुप में)।
3. पानी में पूर्णतः घुलनशील (फर्टीगेशन के लिये भी उपयुक्त)।
4. अन्य फायदेंद पोषण अलग से उपलब्ध।
फायदा:
1. पोषणों की कमीं की रोकथाम/निवारण।
2. पौधों का सर्वांगीण विकास।
3. रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि।
4. बीज की अनुवांशिक क्षमता के अनुरुप
अधिक -उन्नत पैदावार।
क्रियाशील तत्व:
जिंक 33%, सल्फर 15%
उपयोग विधि -
नत्रजनधारी खाद के साथ टॉप ड्ेसिंग के रुप में/फर्टीगेशन।
मात्राः
खेत फसल में : 1 किलो प्रति एकड़।
उद्यानिकी फसल में: 2 किलो प्रति एकड़।
फलदार फसल में : 2 से 2.5 किलो प्रति एकड़।
फायदा:
1. जिंक, सल्फर पोषणों की त्वरित-महत्तम उपलब्धता।
2. विपरीत मौसम में गीला या कठोर नहीं होना।
3. यूरिया के साथ मिलाने पर नम नहीं होना।
4. जिंक की कमी की रोकथाम या त्वरीत निवारण।
5. साधारण जिंक सल्फेट की तुलना में किफ़ायती।
क्रियाशील तत्व:
जिंक पूर्णतः चिलेटेड स्वरुप में12%
उपयोग विधि -
पर्णीय छिड़कांव: आधा ग्राम प्रति लीटर पानी में पौध वृद्धि अवस्था में।
जमीन उपचार: खेत फसल में 100 से 150 ग्राम प्रति एकड़।
उद्यानिकी फसल में: 250 ग्राम प्रति एकड़।
फलदार फसल में : 500 ग्राम प्रति एकड़।
फायदा:
1. अत्यल्प समय में जिंक की पूर्ति। कमी की रोकथाम /निवारण।
2. फूल-फल का झड़ने से रोकथाम।
3. कम लागत अधिक पैदावार।
क्रियाशील तत्व:
फेरस पूर्णतः चिलेटेड स्वरुप में12%
उपयोग विधि -
पर्णीय छिड़काव: आधा ग्राम प्रति लीटर पानी में पौध वृद्धि अवस्था में।
जमीन उपचार: खेत फसल में 100 से 150 ग्राम प्रति एकड़।
उद्यानिकी फसल में: 250 ग्राम प्रति एकड़।
फलदार फसल में: 500 ग्राम प्रति एकड़।
फायदा:
1. अत्यल्प समय में लौह तत्व की पूर्ति। कमी का रोकथाम/निवारण।
2. कम लागत अधिक पैदावार।
क्रियाशील तत्व:
मैग्नीशियम 9.6% , सल्फर 12%
उपयोग विधि -
खेत फसल में : 10 किलो प्रति एकड़।
उद्यानिकी फसल में: 30-50 किलो प्रति एकड़।
फलदार फसल में : 40-50 किलो प्रति एकड़ आधार खाद के साथ टॉप डे्सिंग के रुप में/फर्टीगेशन।
पर्णीय छिड़काव के लिये: 5 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर फसल 20-25 दिन होने के बाद आवश्यकतानुसार 5-7 बार उपयोग करें।
फायदा:
1. हरितकणों का अधिक निर्माण।
2. ज्यादा कॉर्बोहाडे्ट का निर्माण।
3. स्फूर का सुचारु, सरल स्थानांतरण।
4. गहरे हरे रंग के बड़े आकार के पत्ते स्वस्थ अधिक टिकाऊ पौधा।
क्रियाशील तत्व:
लौह 19%, सल्फर 12%
उपयोग विधि -
खेत फसल में 10 किलो प्रति एकड़।
उद्यानिकी फसल में: 20-30 किलो प्रति एकड़।
फलदार फसल में: 25 किलो प्रति एकड़ आधार खाद के साथ टॉप डे्सिंग के रुप में/फर्टीगेशन।
पर्णीय छिड़काव के लिये: 5 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर फसल 20-25 दिन होने के बाद आवश्यकतानुसार पुनरावृत्ति करें।
फायदा:
1. क्लोरोप्लास्ट का अधिक निर्माण।
2. ज्यादा कार्बोहाडे्ट का निर्माण।
3. जमीन की बढ़ी हुई पी.एच. का नियंत्रण।
4. गहरे रंग के पत्ते, स्वस्थ, अधिक टिकाऊ पौधा।
क्रियाशील तत्व:
बोरॉन 20%
उपयोग विधि -
प्रर्णीय छिड़कांव : 1 ग्राम प्रति लीटर पानी में।
जमीन उपचार : 250-500 ग्राम टॉप ड्ेसिंग या
फर्टीगेशन में।
खेत फसल में : फसल 30-35 दिन के होने के बाद छिड़काव करें।
उद्यानिकी फसल में: फूल निर्माण से पक्वता तक आवश्यकतानुसार 3 से 5 बार पर्णीय छिड़काव करें।
फलदार फसल : 500 ग्राम प्रति एकड़
फायदा:
1. पौधे की अग्रशिरा की वृद्धि स्थगन से छुटकारा- समुचित पौध वृद्धि।
2. फूलों का अधिक प्रतिशत में फलीकरण।
3. दाना, फली, फल का पूर्ण विकास, समान आकार।
4. उत्पाद में शर्करा की प्रतिशत में वृद्धि।
5. पत्तों से फल तक शर्करा का सुचारु स्थानांतरण।
6. कैल्शियम की चया पचय क्रिया में आसानी।
क्रियाशील तत्व:
मैग्नीज 30.5% , सल्फर 12%
उपयोग विधि -
पर्णीय छिड़काव: 1 लीटर पानी में 3 ग्राम के मान से फसल वृद्धि अवस्था में 1-2 बार।
उद्यानिकी फसल में: 500 ग्राम प्रति एकड़।
फलदार फसल में: 1 किलो प्रति एकड़ टॉप ड्ेसिंग या फर्टीगेशन के रुप में।
फायदा:
1. रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि।
2. धान, गेहँू, फसल चक्र की उन्नत पैदावार के लिये अत्यन्त असरकारक।