क्रियाशील तत्व:
हूम्मिक एसिड, फुलविक एसिड
उपयोग विधि -
बीज उपचार : 2 मि.ली. प्रति किलो बीज में।
नर्सरी उपचार : 30 मि.ली. 20 वर्ग फीट क्षेत्र में।
खाद लेपन : 200 से 250 मि.ली. प्रति बोरी में।
पर्णीय छिड़काव : 2 मि.ली. प्रति लीटर पानी में।
न्यूट्ीगेशन : 1-1.5 लीटर प्रति एकड़।
फायदा -
1. त्वरित एवं अधिक प्रतिशत का बीज अंकुरण।
2. अधिक जड़ों का निर्माण।
3. मृदा की नमीधारण क्षमता में वृद्धि।
4. मृदा की ब्रूछएब्रूच्एब्रूै का संतुलन।
5. रासायनिक खादों का महत्तम उपयोग।
6. पैदावार में वृद्धि तथा उत्पाद की उन्नत गुणवत्ता।
1 लीटर ब्लेक गोल्ड
2 ट्ॉली गोबर खाद के बराबर
हर पौधे को हैस का उपचार - शिशु को माँ की दूध के बराबर
उपयोग विधि -
बीज उपचार : 1 ग्राम प्रति किलो बीज में
नर्सरी उपचार : 20 ग्राम 100 वर्ग फीट क्षेत्र में।
खाद लेपन : 40 ग्राम प्रति बोरी में।
पर्णीयी छिड़काव : 20 ग्राम 80 लीटर पानी में।
न्यूट्ीगेशन : 100 से 200 ग्राम प्रति एकड़।
फायदा:
1. बीजों का स्वस्थ अंकुरण।
2. बीज अंकुर की जीवनी में वृद्धि।
3. प्राकृतिक, जैविक, रासायनिक, यांत्रिक तनाव के प्रति पौधों में अधिक प्रतिरोधक क्षमता।
4. पौधे का प्राकृतिक विकास (मजबूत तना, अधिक गठानें, शाखाएं, फूल,फल) ।
5. खरपतवार नाशी के आड़ असर से (वृद्धि स्थगन,
पीलापन) संपूर्ण सुरक्षा ।
उपयोग विधि -
पर्णीय छिड़कांव : 1 मि.ली. प्रति लीटर पानी में।
खेत फसल में : फसल 30-35 दिन होने के बाद।
उद्यानिकी फसल में: फूल निर्माण अवस्था में पहला
छिड़काव तथा इसके 20 दिन बाद दूसरा छिड़कांव।
फायदा:
1. नियंत्रित पौध वृद्धि।
2. स्वस्थ गहरें हरे-पौधे।
3. अधिक गठानें, ज्यादा शाखाएं, अधिक फूलफल।
4. उन्नत गुणवत्ता युक्त अधिक पैदावार।
पॉवर हाउस
पौधे का ऊर्जा
संयंत्र का इंधन
क्रियाशील तत्व:
18 प्राकृतिक एल. अमिनो अम्ल
उपयोग विधि -
खादों का लेपन: 500 मि.ली. प्रति बोरी।
पर्णीय छिड़काव : 2 मि.ली. प्रति लीटर पानी में।
न्यूट्ीगेशन : 1 से 1.5 लीटर प्रति एकड़।
फायदा -
1. मृदा की बढ़ी हुई पी.एच. कम होना।
2. खादों का अधिक प्रतिशत घुलनशीलता - विलेयता।
3. तनाव के प्रति अधिक सहन क्षमता।
4. उच्च पौष्टिकतायुक्त उन्नत पैदावार।
क्रियाशील तत्व:
हूम्मिक एसिड, फुलविक एसीड
उपयोग विधि -
आधार खाद के साथ या नत्रजन धारी खाद के साथ टॉप डे्सिंग के रुप में।
खेत फसल में : 5 किलो प्रति एकड़।
उद्यानिकी फसल में :10 किलो प्रति एकड़।
फलदार फसल में :15 किलो प्रति एकड़।
फायदा:
1. जमीन के जैवांश तत्वों में बढ़ोत्तरी।
2. मृदा की नमी धारण क्षमता में वृद्धि।
3. रासायनिक खादों का अधिकतम उपयोग।
4. भूरभूरी हवादार जमीन।
5. अधिक जड़ों का निर्माण।
6. स्वस्थ, गहरी, हरी फसल।
7. अधिक शाखाएं/कंसे,
अधिक फूल-फल।
8. अधिक - उन्नत पैदावार।