तापमानटमाटर की उन्नत पैदावार के लिए 18 से 21 °C का तापमान उपयुक्त है। 10 °C से कम तामपान पर फूल निर्माण बुरी तरह से प्रभावित होता है। रात की अति ठंड टमाटर फसल को ज्यादा क्षति पहुंचाती है। 35 से अधिक तापमान, नमी की कमी भी टमाटर फसल पर बुरा असर करता है। (Flower
abortion) तथा फल के रंग में बदलाव होता है। संतुलित पोषण प्रबंधन के जरिये अधिक तापमान से होने वाला फूल हानि को कम कर सकते है।
प्रकाश
टमाटर के लिए रोजाना 6 घंटे का सूर्य प्रकाश की
आवश्यकता रहती है। इस स्थिति में प्रकाश संश्लेषण क्रिया अधिक होकर ज्यादा शर्करा का निर्माण होता है। फल वजनदार होते है।
पानी
क्षारीय पानी टमाटर के लिए नुकसान करता है। 5 से 6 पीएच. का पानी टमाटर के लिए उपयुक्त है।
जमीन
उत्तम जल निकास वाली जमीन टमाटर के लिए उपयुक्त है। टमाटर की जड़ 60 से.मी. गहराई तक जाती है। कुल जड़ के 70%हिस्से का 20 से.मी. में फैलता है। टमाटर के लिए 6 से 6.5 पीएच. मान का मृदा सर्वोत्तम है। इससे अधिक पीएच मान का मृदा में स्फुर, जिंक, लौह, मैग्नीज, तांबा, बोरॉन का अधिक उपयोग करना पड़ता है।
पोटाश : उच्च गुणवत्ता अधिक पैदावार का मूल मंत्र
टमाटर के लिए पोटाश एक अति आवश्यक पौध पोषण है। पोटाश पौधों में संश्लेषित शर्करा को फलों में पहुंचाने के लिए बेहद जरूरी है।पोटाश नत्रजन का कार्यक्षमता को बढ़ावा देता है। टमाटर का सुर्ख लाल रंग के लिए आवश्यक लाइकोपेन का निर्माण के लिए पोटाश जरूरी है।फल में आम्ल की मात्रा पोटाश ही बढ़ाता है। सूखापन का समय में पौधे को पोटाश अतिरिक्त क्षमता प्रदान करता है। पोटाश फल के अंदर के खोखलेपन को दूर करता है।फल का वजन बढ़ाता है।पौधे द्वारा अवशोषित पोटाश का 60% फलों में पाया जाता है ।
कैल्शियम: मजबूती आधार स्तम्भ
टमाटर फल का टिकाऊपन के लिए कैल्शियम अति जरुरी
है। यह पौधे का बुढ़ापे को दुर करता है। जीव कोशिका का विभाजन के लिए जरुरी है। पौधे का सुरक्षा प्रणाली का कर्णधार है। कैल्शियम का 95% पत्तों में रह जाता है। इसलिए इसका आभाव या कमी फलो पर तत्काल पड़ता है। कैल्शियम जीवकोश में संचित पोषणों का रिसावों को रोकता है।
नाइट्रोजन :
कुल
नाइट्रोजन का 20% अमोनियम और 80%
नाइट्रेट के रुप में देना चाहिए। इससे
नाइट्रोजन क्षमता में वृद्धि होती है एवं पोटाश कैल्शियम के अभाव से फसल पर पड़ने वाला प्रभाव
पोटेशियम कैल्शियम
पौधे में कम पैदावार ✓ ✓
असमान पक्वता ✓ -
छोटा आकार कम वजन ✓ -
फल का रंग का असमानता ✓ ✓
बाहरी हिस्सा हल्का-कमजोर फल ✓ ✓
भंडारण क्षमता में कमी ✓ ✓
फलो का शर्करा प्रतिशत में कमी ✓ ✓
आंतरिक हिस्सा अम्लों के स्तर में कमी ✓ -
फलों में विकृति ब्लोसम एण्ड राट - ✓
सनबर्न ✓ ✓
प्रतिरोधक रोग के प्रति ✓ ✓
क्षमता में कमी सूखापन के प्रति ✓ ✓
पौधों के विभिन्न हिस्सों में पाये जाने वाले पोषण का प्रतिशत
पोषण पत्ता तना शाखा कुल पौध फल में
नत्रजन 23% 8% 8% 39% 61%
स्फुर 20% 15% 5% 40% 60%
पोटेशियम 19% 11% 5% 35% 65%
कैल्शियम 76% 15% 4% 95% 5%
मैग्नीशियम 50% 20% 5% 75% 25%
सल्फर 72% 8% 4% 84% 16%
फसल की अवस्थानुसार
पोषण प्रबंधन तालिका (मात्रा प्रति हेक्टेयर किलो में)
0-28 47 34 60 30 25 19
29-63 110 33 185 60 40 30
64-112 94 33 180 53 35 26
113-140 25 0 75 8 0 0
कुल मात्रा 276 100 500 151 100 75
फसल इसे आसानी से ग्रहण करती है। यूरिया के रुप में उपयोग करना इसलिए उचित नहीं है क्योंकि यह पानी में घुलकर बहुत जल्दी रिसता (लिचिंग) है और अमोनिया बनकर वाष्पित हो जाता है। अमोनियम के रुप में नाइट्रोजन जमीन में स्थिर हो जाता है जो बाद में नाइट्रेट बनकर पौधे को उपलब्ध होता है। अधिक PH वाली जमीन में अमोनिया का वाष्पीकरण ज्यादा होता है। नाइट्रेट के रुप में प्रयोग किया गया नाइट्रोजन पौधे जल्दी एवं आसानी से अधिक मात्रा में ग्रहण कर लेते हैं। प्रकाश संश्लेषण क्रिया के दौरान नाइट्रेट एमिनो एसिड में रुपांतरित होती है और पौधे के विकास में मदद करता है।
फास्फोरस:
7.5 PH से अधिक वाली जमीन में मोनो अमोनियम
फॉस्फेट (12:61:00) ज्यादा उपयोगी है। 6.5-7.5 PH वाली जमीन में डीएपी ज्यादा लाभकारी है। 5.5-6.5 PH वाली जमीन में सिंगल सुपर फास्फेट उपयोग करें।
पोटेशियम:
पोटेशियम नाइट्रेट के रुप में ज्यादा लाभकारी है। पौध
विकास की अवस्था में सल्फेट आफ पोटाश (SOP) अधिक उपयोगी है।
मेग्नम :
10 किलो फेरस प्रति एकड़ में उपयोग करें। 80-85 दिन बाद प्रति माह 10 किलो मेग्नम 10 किलो फेरस दो बार डालें।
पर्णीय छिड़काव
प्रत्यारोपण के 30 दिन बाद 200 बीटर पानी में 1 किलो भव्य (19:19:19), 400 मिली. ब्लेक गोल्ड का छिड़काव करें। 45-50 दिन बाद 200 ग्राम सुबॉन, 200 मि.ली. हैस को 200 बीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। 70 दिन बाद 100 ग्राम पेट्रान, 200 मि.ली. पॉवर हाऊस, 1 किलो भव्य का छिड़काव करें। 85-90 दिन बाद 1 किलो मेग्नम, 1 किलो फेरस, 200 ग्राम सुबॉन, 400 मि.ली. प्रथम का छिड़काव करें। 105-110 दिन बाद 200 मिली. पॉवर हाऊस, 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
1 टन टमाटर उत्पादन के लिए आवश्यक तत्व
नाइट्रोजन 2.2 किलो
फॉस्फेट 0.5 किलो
पोटाश 3.9 किलो
केल्शियम 1.6 किलो
मेग्निशियम 0.4 किलो
सल्फर 0.6 किलो